Pradhanacharya Ko Patra ( प्रधानाचार्य को पत्र ) in Hindi Format, Types, Examples (2025)

Pradhanacharya Ko Patra ( प्रधानाचार्य को पत्र ) in Hindi Format, Types, Examples (1)

प्रधानाचार्य को पत्र (Letter to the Principal) – How to Write Letter to the Principal in Hindi

प्रधानाचार्य को पत्र – इस लेख में हम आपके लिए महत्त्वपूर्ण विषय पत्र लेखन के अंतर्गत ‘प्रधानाचार्य को पत्र’ से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। यह पत्र प्रत्येक वर्ष कक्षा 9 और 10 वीं की परीक्षाओं में अवश्य पूछा जाता है।

  • परिचय
  • प्रधानाचार्य को पत्र का उद्देश्य
  • प्रधानाचार्य को पत्रों के प्रकार
  • प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें
  • प्रधानाचार्य को पत्र लिखने का प्रारूप
  • प्रधानाचार्य को पत्र के नमूने/सैंपल
  • अभ्यास कार्य
  • Conclusion

परिचय (Introduction)

पत्र लेखन विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल है। यह औपचारिक और अनौपचारिक संदर्भों में विचारों को व्यक्त करने का एक माध्यम है। प्रधानाचार्य को पत्र औपचारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं, जिनमें शालीन भाषा, स्पष्टता और अनुशासन का ध्यान रखा जाता है।

यह पत्र किसी विद्यालय या महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को संबोधित किया जाता है। इस प्रकार का पत्र मुख्य रूप से किसी समस्या को बताने, आवेदन करने, अनुरोध करने, सहायता हेतु, या किसी विशेष जानकारी के लिए लिखा जाता है।

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प्रधानाचार्य को पत्र का उद्देश्य (Purpose of Letter to Principal)

प्रधानाचार्य को पत्र लिखने का मुख्य उद्देश्य विद्यालय से संबंधित किसी महत्वपूर्ण विषय, समस्या, या सुझाव पर उनका ध्यान आकर्षित करना होता है। ऐसे पत्र छात्रों, अभिभावकों, या शिक्षकों द्वारा लिखे जाते हैं। प्रधानाचार्य को पत्र लिखने के सामान्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • समस्या की शिकायत-
  • विद्यालय की सुविधाओं, जैसे पानी, शौचालय, सफाई, या अन्य शैक्षणिक जरूरतों की कमी की शिकायत करना।
  • अनुशासनहीनता या छात्रों के बीच असामान्य व्यवहार की जानकारी देना।
  • शिक्षण पद्धति या शिक्षकों के आचरण से संबंधित समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करना।
  • सुझाव देना
  • विद्यालय में नई गतिविधियां, कार्यक्रम, या सुधार हेतु सुझाव देना।
  • छात्रों की भलाई और समग्र विकास के लिए सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों या कार्यक्रमों को लागू करने का प्रस्ताव देना।
  • अनुमति या आवेदन के लिए
  • किसी विशेष आयोजन, जैसे खेलकूद प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, या शैक्षिक दौरे की अनुमति हेतु।
  • व्यक्तिगत समस्याओं, जैसे फीस माफी, छुट्टी का आवेदन, या स्थानांतरण प्रमाणपत्र के लिए निवेदन करना।
  • सामाजिक और नैतिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना
  • विद्यालय के माहौल में सुधार के लिए।
  • छात्रों में नैतिक और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए गतिविधियों का प्रस्ताव।
  • छात्रों की सुरक्षा और सुविधा पर ध्यान दिलाना
  • छात्रों के लिए परिवहन, सुरक्षा व्यवस्था, या आपातकालीन प्रबंधों में सुधार की माँग करना।
  • सहानुभूति या प्रशंसा व्यक्त करना
  • प्रधानाचार्य और शिक्षकों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना करने के लिए।
  • विद्यालय में लागू नई योजनाओं या सफल आयोजनों के लिए धन्यवाद देना।
  • अन्य प्रशासनिक कार्य
  • परीक्षा तिथियों, समय-सारिणी, या अन्य प्रशासनिक मुद्दों पर स्पष्टता हेतु।
  • छात्रों की उपस्थिति, प्रगति, या अनुशासन से संबंधित सूचना के लिए।

इन पत्रों का उद्देश्य विद्यालय के प्रबंधन को महत्वपूर्ण जानकारी देना और समाधान की अपेक्षा करना होता है। यह प्रधानाचार्य और संबंधित पक्षों के बीच संवाद का एक प्रभावी माध्यम है।

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प्रधानाचार्य को पत्रों के प्रकार (Types of letter to the Principal)

  1. अनुमति पत्र
    जैसेशैक्षणिक यात्रा के लिए अनुमति ।
  2. आवेदन पत्र/प्रार्थना पत्र

जैसेपरीक्षा से छुट्टी के लिए आवेदन।

  1. शिकायत पत्र
    जैसेस्कूल की सुविधाओं से संबंधित शिकायत, अनुशासन संबंधी समस्या।
  2. सुझाव पत्र
    जैसेस्कूल में नई गतिविधियां शुरू करने के सुझाव।
  3. अनुरोध पत्र
    जैसेपरीक्षा परिणाम सुधारने का अनुरोध, शुल्क माफी का अनुरोध।


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प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें (Tips for pradhanacharya ko patra)

प्रधानाचार्य को पत्र औपचारिक-पत्र के अंतर्गत आते हैं इसलिए इनको लिखने के कुछ नियम होते हैं-

  1. इस प्रकार के पत्रों में भाषा का विशेष ध्यान रखा जाता है और आवश्यक बातों को ही लिखा जाता है।
  2. प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा लिखना चाहिए।
  3. परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न में कभी-कभी प्रेषक का नाम पहले से दिया होता है, जैसे- अर्पण/अपर्णा। तब इस स्थिति में आप वहाँ अ. ब. स./क. ख. ग./ XYZ मत लिखिए। जो नाम दिया गया है उस नाम को लिखिए। उदाहरण के लिए एक प्रश्न यहाँ प्रस्तुत है-

आप नीरज/नीरजा हैं। ऊँची कूद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आपका चयन हो गया है। इसकी सूचना देते हुए विद्यालय से अवकाश के लिए लगभग 100 शब्दों में प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।

  1. परीक्षा में पूछे जाने पर प्रश्न को देखिये कि प्रधानाचार्य को पत्र लिखना है या प्रधानाचार्या को। इसी के अनुरूप अभिवादन रहेगा।
  2. परीक्षा में पूछे गए प्रश्न में शब्द सीमा के अनुसार ही लिखिए। लगभग 80-100 शब्दों में उत्तर लिखने को कहा जाता है। इसपे आधारित प्रश्न लगभग 5 अंकों का पूछा जाता है।


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प्रधानाचार्य को पत्र लिखने का प्रारूप (Format of pradhanacharya ko patra)

सेवा में,
प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्या,
विद्यालय का नाम पता………….

दिनाँक ………………….

विषय– (पत्र लिखने का कारण संक्षेप में लिखिए)

महोदय/महोदया जी,

पहला अनुच्छेद ………(इसमें पत्र लिखने का कारण लिखिए)

दूसरा अनुच्छेद ………(इसमें समस्या, अनुरोध, या आवश्यक जानकारी लिखिए)

निष्कर्ष और धन्यवाद लिखिए

आपका आज्ञाकारी/आज्ञाकारिणी शिष्य/शिष्या,

क० ख० ग०

कक्षा…………

अनुक्रमांक (यदि आवश्यकता हो तो लिखिए )


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प्रधानाचार्य को पत्र के नमूने/सैंपल (Samples/Examples of Pradhanacharya ko Patra)

प्रधानाचार्य को पत्र के प्रकार के आधार पर हम कुछ पत्रों के नमूने प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनसे आपको परीक्षाओं में सहायता मिलेगी।

सैंपल 1

प्रधानाचार्य को शैक्षणिक यात्रा के लिए अनुमति पत्र

सेवा में,
प्रधानाचार्य,

जवाहर पब्लिक स्कूल,

रेवाड़ी रोड, हरयाणा


दिनाँक: 18/12/2024

विषय: शैक्षणिक यात्रा के आयोजन के लिए अनुमति हेतु आवेदन

महोदय जी,
सविनय निवेदन है कि मैं क० ख० ग०, आपके विद्यालय का कक्षा 10 वीं का छात्र हूँ। हमारे पाठ्यक्रम में दिल्ली से संबंधित शैक्षणिक अध्ययन का विशेष महत्व है। इसे ध्यान में रखते हुए हम एक शैक्षणिक यात्रा का आयोजन करना चाहते हैं।

हमारा प्रस्ताव है कि यह यात्रा दिल्ली के लिए आयोजित की जाए । इस यात्रा से हम सभी को अपने शैक्षिक ज्ञान को व्यवहारिक रूप से समझने का अवसर मिलेगा।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमें इस शैक्षणिक यात्रा के लिए अनुमति प्रदान करें।

हम आपके निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

सधन्यवाद,

आपका आज्ञाकारी शिष्य

क० ख० ग०

कक्षा-10 ‘ब’

सैंपल 2

परीक्षाओं के दौरान अवकाश/छुट्टी हेतु प्रधानाचार्य को आवेदन

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

राजेंद्र प्रसाद सीनियर सेकेंड्री स्कूल,

एटा, उ. प्र.

दिनाँक: 04 /12/ 2024

विषय: परीक्षा से अवकाश/छुट्टी हेतु आवेदन

महोदय जी,

सविनय निवेदन है कि मैं अ. ब. स., कक्षा 10 वीं का छात्र हूँ। दुर्भाग्यवश, मुझे डेंगू हो गया है जिसके कारण मैं आगामी परीक्षा, जो कि दिनाँक 05-12-2024 को आयोजित होने वाली है, में सम्मिलित नहीं हो पाऊँगा।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया मुझे परीक्षा से अवकाश प्रदान करें। यदि संभव हो, तो कृपया मुझे परीक्षा के लिए पुनः अवसर प्रदान करने की कृपा करें।

आपकी कृपा के लिए मैं सदा आभारी रहूँगा।

सधन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य

अ. ब. स.

कक्षा-10 ‘स’

सैंपल 3

प्रधानाचार्य को स्कूल की सुविधाओं से संबंधित शिकायत हेतु पत्र

सेवा में,
प्रधानाचार्य,
स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल,
कानपुर, उ. प्र.

दिनाँक: 05/12/2024

विषय: विद्यालय की सुविधाओं में सुधार हेतु निवेदन

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं क० ख० ग०, आपके विद्यालय की कक्षा 10 वीं का छात्रा हूँ। मैं अपने विद्यालय की कुछ समस्याओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहती हूँ। पेयजल सुविधा और शौचालयों की स्थिति सही नहीं है।

इन समस्याओं का समाधान छात्रों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। अतः, आपसे अनुरोध है कि इन मुद्दों पर शीघ्रता से विचार करें और आवश्यक कदम उठाएँ।

आपके सहयोग के लिए हम सदा आभारी रहेंगे।

धन्यवाद।

आपकी आज्ञाकारी शिष्या

क० ख० ग०

कक्षा-10 ‘स’

सैंपल 4

प्रधानाचार्य को अनुशासन संबंधी समस्या हेतु पत्र

सेवा में,
प्रधानाचार्या,
न्यू एरा पब्लिक स्कूल,
मानेसर, गुरुग्राम, हरयाणा

दिनाँक: 09/12/2024

विषय: विद्यालय में अनुशासन संबंधी समस्या के समाधान हेतु निवेदन

महोदया जी,

सविनय निवेदन है कि मैं अ. ब. स. आपके विद्यालय का कक्षा 10 वीं का छात्र हूँ। विद्यालय में शिक्षा का माहौल बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, लेकिन हाल के दिनों में छात्र अनुशासनहीन होते जा रहे हैं। इस समस्या से विद्यालय का वातावरण प्रभावित हो रहा है, और अन्य छात्रों की पढ़ाई पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

आपसे विनम्र निवेदन है कि इन समस्याओं को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, जिससे विद्यालय में अनुशासन और शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा।

आपके सहयोग के लिए मैं सदैव आभारी रहूँगा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य

अ. ब. स.

कक्षा-10 ‘अ’

सैंपल 5

प्रधानाचार्य को स्कूल में नई गतिविधियाँ शुरू करने के सुझाव हेतु पत्र

सेवा में,
प्रधानाचार्य,
सिटी पब्लिक स्कूल,
नोएडा, उ. प्र.

दिनाँक: 11/12/2024

विषय: विद्यालय में नई गतिविधियाँ प्रारंभ करने हेतु सुझाव

महोदय जी,

सविनय निवेदन है कि मैं क. ख. ग., आपके विद्यालय की कक्षा 10 वीं की छात्रा हूँ। विद्यालय में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ सह-पाठ्यक्रम और रचनात्मक गतिविधियाँ भी आवश्यक हैं। इसलिए, मैं विद्यालय में कुछ नई गतिविधियाँ शुरू करने के लिए आपके समक्ष कुछ सुझाव प्रस्तुत करना चाहती हूँ, जैसे- डिबेट और वाद-विवाद, विज्ञान और कला प्रदर्शनी, संगीत और नृत्य कार्यशालाएँ आदि।

आपसे अनुरोध है कि कृपया इन सुझावों पर विचार करें और यथासंभव उन्हें क्रियान्वित करने का कष्ट करें।

धन्यवाद।

आपकी आज्ञाकारी शिष्या,

क. ख. ग.

कक्षा-10 ‘ब’

सैंपल 6

प्रधानाचार्य को शुल्क माफी हेतु अनुरोध पत्र

सेवा में,

प्रधानाचार्या,

डी. . बी. इण्टर कॉलेज,

इंदौर. . प्र.

दिनाँक: 16/12/2024

विषय: शुल्क माँफी हेतु अनुरोध

महोदया,

विनम्र निवेदन है कि मैं . . ., आपके विद्यालय की कक्षा 10 वीं की एक नियमित और अनुशासित छात्रा हूँ। मेरी आर्थिक स्थिति इस समय अत्यंत कठिनाई में है, जिससे मेरे लिए विद्यालय का शुल्क जमा करना संभव नहीं हो पा रहा है।

मैं पढ़ाई में सदैव मेहनती रही हूँ। आपसे निवेदन है कि मेरी परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए मेरी शुल्क माफ करने की कृपा करें।

आपकी कृपा के लिए मैं सदा आभारी रहूँगी।

सधन्यवाद।

आपकी आज्ञाकारी शिष्या

. . .

कक्षा– 10 ‘

सैंपल 7

प्राधानाचार्य को धन्यवाद हेतु पत्र

सेवा में,

प्रधानाचार्य महोदय,

लोकमान्य तिलक सी. से. स्कूल,

ग्वालियर, . प्र.

दिनाँक: 17-12-2024

विषय: पर्वतीय स्थल की यात्रा के सफल आयोजन हेतु धन्यवाद

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं . . ., कक्षा 10 वीं का छात्र, आपके नेतृत्व में आयोजित पर्वतीय स्थल की यात्रा में शामिल हुआ। यह यात्रा हमारे जीवन की एक अविस्मरणीय और शिक्षाप्रद अनुभव रही।

यात्रा के दौरान हमारी सुरक्षा, आराम, और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया, जिसके लिए हम हृदय से आभारी हैं।

हम आपके इस प्रयास और अवसर के लिए आपका धन्यवाद करते हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में भी इस प्रकार की शिक्षाप्रद यात्राओं का आयोजन होता रहेगा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

. . .

कक्षा 10 ‘

सैंपल 8

पुस्तकालय में पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु प्राधानाचार्य को पत्र

सेवा में,

प्रधानाचार्य महोदय,

आर्य कन्या इण्टर कॉलेज,

आगरा, . प्र.

दिनाँक: 18-12-2024

विषय: पुस्तकालय में पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध

महोदय,

विनम्र निवेदन है कि मैं . . ., आपके विद्यालय की कक्षा 10 वीं की एक नियमित छात्रा हूँ। पुस्तकालय में विद्यार्थियों की शैक्षणिक और सहपाठ्यक्रम आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कुछ नई पुस्तकों की व्यवस्था की आवश्यकता महसूस हो रही है।

विशेष रूप से, सामान्य ज्ञान, तर्कशक्ति, भाषाई कौशल, हिंदी और अंग्रेजी से संबंधित। कृपया इन पुस्तकों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराएँ।

हम सभी विद्यार्थी आपकी इस कृपा के लिए आभारी रहेंगे।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

. . .

कक्षा 10 ‘

सैंपल 9

विषय परिवर्तन हेतु प्रधानाचार्य को पत्र

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

रानी लक्ष्मीबाई पब्लिक स्कूल,

भोपाल, . प्र.

दिनाँक: 19-12-2024

विषय: विषय परिवर्तन हेतु आवेदन

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं . . ., कक्षा 10 ‘‘, रोल नंबर 010X, आपके विद्यालय का नियमित छात्र हूँ। वर्तमान में मैंने हिन्दी विषय का चयन किया है। हालांकि, मुझे यह महसूस हो रहा है कि यह विषय मेरी रुचि के अनुकूल नहीं है।

अतः मैं आपके समक्ष निवेदन करता हूँ कि मुझे संस्कृत विषय का चयन करने की अनुमति प्रदान करें। मैंने इस विषय में अपनी रुचि और क्षमता का परीक्षण किया है और मुझे विश्वास है कि यह मेरे शैक्षणिक प्रदर्शन और करियर विकास में सहायक होगा।

आपकी इस कृपा के लिए मैं सदैव आभारी रहूँगा।

सधन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

. . .

कक्षा 10 ‘

सैंपल 10

अंग्रेजी विषय की अतिरिक्त कक्षाएँ लगवाने हेतु प्रधानाचार्य को पत्र

सेवा में,

प्रधानाचार्या,

मदर टेरेसा पब्लिक स्कूल,

भरतपुर, राजस्थान

दिनाँक: 20-12-2024

विषय: अंग्रेजी विषय की अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करने हेतु निवेदन

महोदया,

सविनय निवेदन है कि मैं अ. ब. स., कक्षा 10, आपके विद्यालय का एक नियमित छात्र हूँ। मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि वर्तमान समय में, अंग्रेजी विषय के पाठ्यक्रम को पूर्ण रूप से समझने और अभ्यास करने के लिए नियमित कक्षाएँ पर्याप्त नहीं हो पा रही हैं।

अतः, मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि अंग्रेजी विषय की अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करने का कष्ट करें।

आपकी इस कृपा के लिए हम सभी छात्र/छात्राएँ सदा आभारी रहेंगे।

सधन्यवाद

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

अ. ब. स.

कक्षा 10 ‘स’

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अभ्यास कार्य (Practice Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों को हल करने का अभ्यास कीजिये। इनका अभ्यास करने से आप न केबल परीक्षाओं के प्रश्न हल करने में सक्षम होंगे बल्कि वास्तविक तौर पर जब कभी भी प्रधानाचार्य को पत्र लिखना होगा तब ये सैंपल सहायक सिद्ध होंगे।

  1. आप अंकित/अंकिता हैं। आपकी तबियत दो दिनों से सही नहीं है। इसकी सूचना देते हुए विद्यालय से अवकाश के लिए लगभग 100 शब्दों में प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
  2. आप हर्षित/हर्षिता हैं। अपने प्रधानाचार्य को 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए, जिसमें कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए प्रार्थना की गयी हो।
  3. आप अनुज/अनुजा हैं। विद्यालय के पुस्तकालय में छात्रों को समसामयिक विषयों पर पुस्तकों का अभाव खटकता है। प्रधानाचार्य जी 100 शब्दों में पत्र लिखकर इस विषय से सम्बंधित पुस्तकें मँगवाने के लिए निवेदन कीजिये।
  4. आप रंजन/रंजना है। अपने प्रधानाचार्य को 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए जिसमें खेलों के सामान की समुचित व्यवस्था का आग्रह किया गया हो।
  5. अपने विद्यालय में विज्ञान की प्रयोगशाला का प्रबंध करने का अनुरोध करते हुए प्रधानचार्य को पत्र लिखिए।
  6. आप सुशील/सुशीला हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखकरहॉकीप्रशिक्षण की व्यवस्था करवाने के लिए निवेदन कीजिए।
  7. आपकी शिक्षा विद्यालय से पूर्ण हो चुकी है, अब आप कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को चरित्र-प्रमाणपत्र प्राप्ति हेतु प्रार्थना पत्र लिखिए।
  8. आप विद्यालय के छात्र-परिषद् के सचिव हैं। स्कूल के बाद विद्यार्थियों को नाटक का अभ्यास करवाने के लिए अनुमति माँगते हुए प्रधानाचार्य को लगभग 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए।
  9. प्रधानाचार्य को आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना पत्र लिखिए।
  10. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।

उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर-

1.

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

संस्कार पब्लिक स्कूल,

रुड़की, उत्तराखंड

दिनाँक: 06/12/2024

विषय: अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं अंकित, कक्षा 10 वीं का छात्र हूँ। पिछले दो दिनों से मेरी तबियत ठीक नहीं है। मुझे बुखार और कमजोरी की समस्या हो रही है, जिसके कारण मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूँ। डॉक्टर ने मुझे पूर्ण आराम की सलाह दी है।

अतः आपसे निवेदन है कि मुझे दिनाँक 06/12/2024 से 08/12/2024 तक तीन दिनों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। आपकी अति कृपा होगी।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

अंकित

कक्षा- 10 ‘अ’

रोल नंबर 18

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

बाल भारती पब्लिक स्कूल,

मेरठ, उ. प्र.

दिनाँक: 21/12/2024

विषय: विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था हेतु प्रार्थना

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं हर्षिता, कक्षा 10 वीं की छात्रा हूँ। आज के तकनीकी युग में कंप्यूटर शिक्षा अत्यंत आवश्यक हो गई है। हमारे विद्यालय में अभी कंप्यूटर शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।

अतः मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षा का प्रबंध कराने की कृपा करें। इससे हमें आधुनिक युग की आवश्यकताओं को समझने और भविष्य के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।

धन्यवाद।

आपकी आज्ञाकारी शिष्या,

हर्षिता

कक्षा- 10 ‘स’

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

विद्या निकेतन सी. से. स्कूल,

सीकर, राजस्थान

दिनाँक: 03/12/2024

विषय: पुस्तकालय में समसामयिक विषयों पर पुस्तकों की व्यवस्था हेतु प्रार्थना

महोदय जी,

सविनय निवेदन है कि मैं अनुज, कक्षा 10 वीं का छात्र हूँ। विद्यालय के पुस्तकालय में समसामयिक विषयों पर पुस्तकों की कमी के कारण छात्रों को अपनी जानकारी बढ़ाने में कठिनाई होती है। वर्तमान समय में सामान्य ज्ञान, प्रतियोगी परीक्षाओं, और नई तकनीकों से जुड़ी किताबें छात्रों के लिए बेहद उपयोगी हो सकती हैं।

अतः आपसे निवेदन है कि पुस्तकालय में समसामयिक विषयों पर पुस्तकों का प्रबंध करवा दें।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

अनुज

कक्षा- 10 ‘ब’

4.

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

सनराइज पब्लिक स्कूल,

दमोह, म. प्र.

दिनाँक: 18/12/2024

विषय: खेलों के सामान की समुचित व्यवस्था हेतु प्रार्थना

महोदय,

विनम निवेदन है कि मैं रंजना, कक्षा 10 वीं की छात्रा हूँ। हमारे विद्यालय में खेलों को बढ़ावा देने के लिए छात्रों में काफी उत्साह है, लेकिन खेल-कूद के लिए आवश्यक सामान की समुचित व्यवस्था न होने के कारण हमें अभ्यास में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

अतः मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया खेलों के सामान, जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, और वॉलीबॉल आदि की समुचित व्यवस्था करने की कृपा करें।

धन्यवाद।

आपकी आज्ञाकारी शिष्या,

रंजना

कक्षा- 10 ‘अ’

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

सन इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल,

जबलपुर, म. प्र.

दिनाँक: 04/12/2024

विषय: विद्यालय में विज्ञान की प्रयोगशाला का प्रबंध करने हेतु प्रार्थना

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं क.ख. ग., आपके विद्यालय का कक्षा 10 वीं का छात्र हूँ। विज्ञान विषय की पढ़ाई में प्रयोगशाला का विशेष महत्व है। हमारे विद्यालय में विज्ञान की प्रयोगशाला की व्यवस्था न होने के कारण हमें अपनी पढ़ाई में कठिनाई होती है और हम आवश्यक प्रयोग नहीं कर पाते।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि विद्यालय में विज्ञान की प्रयोगशाला का प्रबंध कराने की कृपा करें।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

क.ख. ग.

कक्षा- 10 ‘स’

रोल नंबर- (आवश्यकतानुसार)

6.

सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
अल्पाइन पब्लिक स्कूल,

इंदौर, म. प्र.

दिनाँक: 5 दिसम्बर, 2024

विषय: विद्यालय में हॉकी प्रशिक्षण की व्यवस्था हेतु निवेदन।

महोदय,

सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय में खेल-कूद गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हॉकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। हॉकी, जो हमारा राष्ट्रीय खेल है, के प्रति विद्यार्थियों में काफी उत्साह है। उचित प्रशिक्षण के अभाव में हम अपनी इस रुचि और प्रतिभा को निखार नहीं पा रहे हैं।

आपसे विनम्र अनुरोध है कि एक अनुभवी हॉकी कोच की नियुक्ति की जाए, जिससे हमें इस खेल की तकनीक और कौशल सीखने का अवसर मिल सके। यह न केवल हमारे व्यक्तिगत विकास में सहायक होगा, बल्कि विद्यालय को खेल-कूद प्रतियोगिताओं में भी गौरव प्रदान करेगा।

सधन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सुशील

कक्षा- 10 ‘अ’

7.

सेवा में,

प्रधानाचार्य महोदय,

मोदी पब्लिक स्कूल,

भिलाई, छत्तीसगढ़

दिनाँक: 12/12/2024

विषय: चरित्र-प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु प्रार्थना पत्र

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं क.ख.ग., आपके विद्यालय का छात्र रह चुका हूँ। मैंने इस विद्यालय से वर्ष 2022 में अपनी शिक्षा पूर्ण की है। अब मुझे अन्य कॉलेज में प्रवेश लेने हेतु चरित्र-प्रमाणपत्र की आवश्यकता है।

आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरा चरित्र-प्रमाणपत्र जारी करने की कृपा करें।

मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा।

धन्यवाद।

भवदीय,

क.ख.ग.

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

एस. जे. एस. पब्लिक स्कूल,

गाजियाबाद, उ. प्र.

दिनाँक:12/11/2024

विषय: नाटक अभ्यास के लिए अनुमति प्रदान करने हेतु प्रार्थना पत्र

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं अ. ब. स., विद्यालय के छात्र-परिषद् का सचिव, आपसे यह अनुरोध करता हूँ कि आगामी सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए विद्यार्थियों को विद्यालय के बाद नाटक का अभ्यास करने की अनुमति प्रदान करें।

यह कार्यक्रम विद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाने हेतु एक महत्वपूर्ण अवसर है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अभ्यास के दौरान अनुशासन का पालन हो और परिसर की स्वच्छता बनाए रखी जाए।

आपकी अनुमति हेतु हम आपके आभारी रहेंगे।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

अ. ब. स.

सचिव, छात्र-परिषद्

9.

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

गुरुकुलम पब्लिक स्कूल,

ललितपुर, उ. प्र.

दिनाँक: 10/11/2024

विषय: आर्थिक सहायता हेतु प्रार्थना पत्र

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं क. ख. ग., कक्षा 10 वीं का छात्र हूँ। मेरे अभिभावक की आर्थिक स्थिति इस समय अत्यंत दयनीय है, जिसके कारण मेरी पढ़ाई का खर्च उठाना कठिन हो गया है।

आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया मेरी परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए मुझे शुल्क में छूट या किसी अन्य आर्थिक सहायता की सुविधा प्रदान करने की कृपा करें। इससे मुझे अपनी शिक्षा जारी रखने में मदद मिलेगी।

आपकी कृपा हेतु मैं सदा आपका आभारी रहूँगा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

क. ख. ग.,

कक्षा 10 ‘ब’

10.

सेवा में,

प्रधानाचार्य,

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्याल,

आगरा, उ. प्र.

दिनाँक: 07/11/2024

विषय – छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु प्रार्थना पत्र

महोदय,

विनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा-10 ‘अ’ का छात्र क. ख. ग. हूँ। मैंने कक्षा 9 की परीक्षा प्रथम श्रेणी के अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी, जिसमें हिन्दी, अँग्रेजी तथा गणित में मेरे प्राप्तांक 72 प्रतिशत थे।

मेरे पिताजी की आय अत्यन्त सीमित है, जिससे मेरी पढ़ाई का व्यय-भार वहन करना उनके लिए कठिन हो गया है। ऐसे में, मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है कि मुझे 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति दिलाने की कृपा करें, ताकि मैं अपनी शिक्षा सुचारू रूप से जारी रख सकूँ।

मैं सदा आपका आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

क. ख. ग.

कक्षा-10 ‘अ’


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Conclusion

प्रधानाचार्य को पत्र लेखन न केवल एक औपचारिक प्रक्रिया है, बल्कि यह छात्रों के व्यक्तित्व और कौशल को भी विकसित करता है। यह लेख इस बात को स्पष्ट करता है कि जब भी विद्यालय से संबंधित कोई समस्या, सुझाव, या आवेदन प्रस्तुत करना हो, तो इसे कैसे सटीक और प्रभावी तरीके से लिखा जाए।

इस प्रकार का लेखन छात्रों को संचार कौशल, आत्मविश्वास, और समस्या समाधान क्षमता विकसित करने में मदद करता है। साथ ही, यह उनके अंदर जिम्मेदारी और अनुशासन की भावना को बढ़ावा देता है। ऐसे पत्र लिखना न केवल स्कूल के वातावरण को बेहतर बनाने में सहायक होता है, बल्कि यह छात्रों को अपनी बात स्पष्ट रूप से व्यक्त करना भी सिखाता है।

हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आप पत्र लेखन की कला को समझ पायेंगे और इसे अपने जीवन में उपयोगी होंगे। यह कौशल न केवल आपके स्कूल जीवन में, बल्कि आगे भी आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।


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Author: Dong Thiel

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